शिव पूजा के लिए सोमवार का दिन श्रेष्ठ माना गया है।



जीवन की हर समस्या का शिवजी की पूजा आसानी से हल हो सकती है। इनकी पूजा के लिए कोई विशेष दिन या मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं होती। फिर भी कई विद्वानों द्वारा शिव पूजा के लिए सोमवार का दिन श्रेष्ठ माना गया है।

 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सोमवार चंद्र देव का दिन माना गया है। कुंडली में चंद्र का महत्वपूर्ण स्थान है। चंद्र के आधार पर ही हमारी जन्म राशि का निर्धारण होता है। यदि जन्म कुंडली में चंद्र से संबंधित कोई दोष हो तो सोमवार के दिन शिवजी के पूजन से वह दोष शांत हो जाता है। शिव को शशिधर भी कहा जाता है क्योंकि शिवजी ने चंद्र को अपने मस्तक पर धारण कर रखा है।

 

शास्त्रों के अनुसार सभी देवी-देवताओं की पूजा के लिए अलग-अलग विशेष दिन निर्धारित किए गए हैं। सोम शब्द का अर्थ होता है चंद्रमा। चंद्रमा को चंचल ग्रह माना गया है, साथ ही यह हमारे मन का नियंत्रक भी है। चंद्र को शिव ने मस्तक पर स्थान दिया है अर्थात् शिव सच्चे मन से उनकी आराधना करने वाले श्रद्धालु को अपने मस्तक पर चंद्र के समान सुशोभित करते हैं। इस बात का मतलब यही है वे भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। भगवान अपने भक्तों के अधिन माने गए हैं।

 

शिवजी का सोमवार से सीधा संबंध है। सोम शब्द में ऊँ शब्द भी विद्यमान है। ऊँ शिवजी का ही प्रतीक है। सोमवार, चंद्रमा और शिवजी इन तीनों का आपस में गहरा संबंध है। इसी वजह से प्राचीनकाल से ही सोमवार को शिवजी का दिन माना जाता है।


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