Kyon Somvar ko hi Bhagwan Shri Shiv ji ki Pojja karna adhik laabhdayak hai



सप्ताह के सातों दिन किसी न किसी ईश्वर की पूजा, भक्ति और व्रत के लिए होता हैं पर सोमवार का दिन हिन्दू धर्म परमपराओं के अनुसार भगवान शिव को समर्पित होता है. माना जाता है कि शिवजी की भक्ति हर पल ही शुभ होती है. सच्चे मन से पूजा की जाए तो शिव अपने भक्तों पर जल्द ही प्रसन्न हो जाते है. क्यों सोमवार को ही शिवजी की पूजा करना अधिक लाभदायक होता है? आइए जानते हैं इससे जुड़ी खास बातें-

सोमवार के दिन रखा जाने वाला व्रत सोमेश्वर व्रत के नाम से जाना जाता है. इसके अपने धार्मिक महत्व होते हैं. इसी दिन चन्द्रमा की पूजा भी की जाती है. हमारे धर्मग्रंथों में सोमेश्वर शब्द के दो अर्थ होते हैं. पहला अर्थ है – सोम यानी चन्द्रमा. चन्द्रमा को ईश्वर मानकर उनकी पूजा और व्रत करना. सोमेश्वर शब्द का दूसरा अर्थ है- वह देव, जिसे सोमदेव ने भी अपना भगवान माना है. उस भगवान की सेवा-उपासना करना, और वह देवता हैं – भगवान शिव.

पौराणिक मान्यता के अनुसार इस व्रत और पूजा से ही सोमदेव ने भगवान शिव की आराधना की. जिससे सोमदेव निरोगी होकर फिर से अपने सौंदर्य को पाया. भगवान शंकर ने भी प्रसन्न होकर दूज यानी द्वितीया तिथि के चन्द्रमा को अपनी जटाओं में मुकुट की तरह धारण किया.

यही कारण है कि बहुत से साधू-संत और धर्मावलंबी इस व्रत परंपरा में शिवजी की पूजा-अर्चना भी करते आ रहे हैं क्योंकि इससे भगवान शिव की उपासना करने से चन्द्रदेव की पूजा भी हो जाती है. धार्मिक आस्था व परंपरा के चलते प्राचीन काल से ही सोमवार व्रत पर आज भी कई लोग भगवान शिव और पार्वती की पूजा करते आ रहे हैं परन्तु यह चंद्र उपासना से ज्यादा भगवान शिव की उपासना के लिए प्रसिद्ध हो गया. भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा कर सुख और कामनापूर्ति होती है.


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